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कृष्ण का आह्वान



तू कृष्ण है तू गोपाल है ,विराट रूप विकराल है
तू सुदामा का यार है ,राधा का प्यार है

तू कंस का काल है ,महाभारत का सार है
धर्म का है रक्षक तू दुष्टों का संहारक है।

तू सबमे है सब तुझमे हैं , सब तेरा है तू सबका है
तू जीवन में है मरण में है तू सबके अन्तःकरण में है।

हे कृष्ण, तेरी सृष्टि में पापी फिर कर रहे राज हैं 
यहाँ पाप में तो पाप है और पुण्य में भी पाप है।

तू इस रूप में आ या उस रूप में आ,
नटखट नन्दलाल बन के आ या कल्कि अवतार लेके आ

पाप पुण्य के इस द्वन्द को मिटाने 
गीता का नया सार लिखने, तुझे आना ही होगा।

बस ! बहुत हो गया अब 
तुझे आना ही होगा,तुझे आना ही होगा 

हे कृष्ण,
तुझे आना ही होगा।

- The Priest

Comments

  1. Very well written. Thanks for sharing.🙏

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  2. Well composed dear priest

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  3. Well describes Kanha ... very well written

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  4. कृष्ण के रूप का एवं उनकी आज के युग में आवश्यकता का अद्भुत चित्रण!!

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  5. Super cry for krishna.very Well written

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  6. अद्भुत आह्वान... पुरुष का पुरोषोत्तम में....रमणीय !!!!🎶🕉✡...👏👏👏

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